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नवरात्रि में उगाई गई जौ और कलश के जल का पूजा में होता है उपयोग, जानें कैसे?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि के दिन चैत्र नवरात्रि का समापन होता है. इस दिन कन्या पूजन करने का विशेष महत्व माना गया है. कहते हैं कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. नवरात्रि की शुरुआत में पहले दिन जौ बोए जाते हैं और कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर नवरात्रि समाप्त होने के बाद इन जौ और कलश के जल का क्या किया जाता है. तो आइए जानते हैं कि इसके बारे में सबकुछ.

नवरात्रि में उगाई गई जौ का क्या करें?

बता दें कि हिंदू धर्म में चैत्र और शारदीय नवरात्रि को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि के दिन दशहरा पूजा जाता है और उसमें बोए गए जौ का भी पूजन होता है. इसके बाद वह घर के पुरुष दिनभर अपने कानों के पीछे लगाकर रखते हैं. लेकिन चैत्र नवरात्रि में दशहरा नहीं होता और राम नवमी के दिन पूजन किया जाता है.

ऐसे में कुछ लोगों को यह कंफ्यूजन होगा कि आखिर चैत्र नवरात्रि में जौ का क्या किया जाता है? तो बता दें कि चैत्र नवरात्रि में भी जौ बोने का विशेष महत्व है और जौ का रंग ही आपके आने वाले दिनों का संकेत देता है. अगर जौ पीले रंग की है तो इसका मतलब है कि आने वाले समय में आपके घर में कुछ समस्याएं दस्तक दे सकती हैं. वहीं जौ हरे रंग की है तो यह खुशहाली और सुख-समृद्धि का संकेत है.

चैत्र नवरात्रि में बोए गए जौ को नवरात्रि के अंतिम दिन यानि अष्टमी या नवमी के दिन मंदिर से उठाकर किसी ऐसी जगह रख दें जहां गंदे व झूठे हाथ न लगे. बेहतर होगा कि जो कि बर्तन को तुलसी के समीप रखा जाए. इसके बाद इस जौ को बहते पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है.

कलश के जल का क्या करते हैं?

कलश स्थापना यानि घटस्थापना नवरात्रि का सबसे पहला और मुख्य चरण है. कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि का पूजन आरंभ होता है और फिर 9 दिनों को कलश का भी पूजन किया जाता है. नवरात्रि समाप्त होने के बाद कलश से नारियल को उठाकर उसे फोड़ें और प्रसाद के तौर पर कन्याओं को बांटें. इसके बाद कलश पर रखें आम के पत्तों को हाथ में लेकर कलश में रखे जल में डुबोएं और पूरे घर में कलश के जल का छिड़काव करें. ध्यान रखें कि बाथरूम में भूलकर भी कलश के जल का छिड़काव नहीं करना चाहिए. बल्कि घर में भीतर, बाहर, छत व बालकनी हर जगह इस जल का छिड़काव करना चाहिए. इससे घर में पाॅजिटिव एनर्जी आती है और निगेटिविटी खत्म होती है.

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