कल सेला टनल हो जाएगी देश को समर्पित, तवांग तक हर मौसम आवाजाही होगी
नई दिल्ली : शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल को देश को समर्पित करेंगे। इससे अब तवांग तक हर मौसम में आवाजाही हो जाएगी। अभी तक सर्दियों में बर्फबारी की वजह से तवांग तक पहुंचने का सड़क मार्ग बंद हो जाता था और मौसम खराब होने की वजह से हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पाते थे। सेला टनल सिर्फ लोगों के लिए ही अहम नहीं है बल्कि यह सेना की ताकत बढ़ाने के लिहाज से भी अहम है। इससे सेना का मूवमेंट तेज होगा और जरूरत पड़ने पर सैनिकों की तैनाती जल्दी हो सकेगी क्योंकि सेला टनल से तवांग को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिल जाएगी।
यह टनल करीब 825 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। 2019 में प्रधानमंत्री ने बालीपारा-चारद्वार-तवांग रोड के जरिए तवांग तक हर मौसम में सड़क सुविधा बनाने के लिए सेला टनल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।
दरअसल तवांग तक जाने का एक ही रास्ता है। यह रास्ता सेला पास यानी सेला दर्रे से होकर गुजरता है। यह 13800 फीट की ऊंचाई पर है। सर्दियों में जब बर्फबारी होती है तो यह पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है। भूस्खलन भी यहां होते रहता है जिससे सड़क पर मलबा आ जाता है। यह सड़क बंद हो जाने पर तवांग सड़क मार्ग से बाकी देश से कट जाता है। इससे तवांग से आगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (भारत-चीन बॉर्डर) पर तैनात भारतीय सेना का मूवमेंट भी मुश्किल हो जाता है। मौसम खराब होने की वजह से हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पाते। इसका हल निकालने के लिए और तवांग तक सालभर आवाजाही बरकरार रखने के लिए सेला टनल पर काम शुरू किया गया।