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मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान होगा चीतों का दूसरा घर! इस नेश्नल पार्क में किए जाएंगे शिफ्ट

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में बसाए गए चीतों का अब राजस्थान (Rajasthan) दूसरा घर होगा. राजस्थान के मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान (Mukundra National Park) में चीतों को जल्द बसाया जा सकता है. मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को बसाने की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं अब केवल केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार है. दरअसल राजस्थान में चीतों की शिफ्टिंग के लिए भारत सरकार को ही निर्णय लेना है.

70 साल बाद भारत में फिर से बसाए गए चीते
बता दें 70 साल बाद भारत में चीतों को बसाया गया है. भारत में चीतों को बसाने के लिए मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क चुना गया है. नामीबिया व दक्षिण अफ्रिका से कूनो नेशनल पार्क में चीते लाए गए हैं. कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल 23 चीते हैं, जिनमें चार शावक भी शाामिल हैं. हालांकि कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल 20 चीतों को रखने की क्षमता है.

चीतों के लिए गांधी सागर व राजस्थान चिन्हित
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाने के बाद चीतों के लिए दूसरी जगहों के रूप में गांधी सागर व राजस्थान को चुना गया है. गांधी सागर में फिलहाल व्यवस्थाएं नहीं हैं, यहां व्यवस्थाएं जुटाने में अभी एक साल का समय और लगेगा, जबकि राजस्थान के मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान में व्यवस्थाएं पूरी हैं. पिछले महीने हुई चीता टास्क फोर्स की बैठक में मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क को लेकर मंथन हो चुका है.

भारत सरकार लेगी निर्णय
बता दें 70 साल बाद फिर से भारत में चीतों को बसाने की प्रक्रिया चल रही है. अभी तक नामीबिया व दक्षिण अफ्रिका से चीतों की दो खेप आ चुकी हैं. चीतों की अगली खेप भारत में लाने से पहले भारत सरकार द्वारा मंथन किया जा रहा है कि अब चीतों को कहां बसाया जाए. फिलहाल राजस्थान के मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को बसाना है, लेकिन इसके लिए भारत सरकार को निर्णय लेना है कि यहां कब चीते बसाए जाएंगे.

मुकुंदरा में पर्याप्त मात्रा में चीतल, चिंकारा 
बता दें मुकुंदरा हिल्स राजस्थान के चार जिलों कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौडग़ढ़ के लगभग 760 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस टाइगर रिजर्व में करीब 417 वर्ग किलोमीटर कोर और 342 वर्ग किलोमीटर बफर जोन है. विशेष बात यह है कि इसमें 82 वर्ग किलोमीटर का एरिया तार फैंसिंग से घिरा हुआ है. मुकुंदरा के अधिकारियों के अनुसार यहां चीतों के भोजन के लिए चीतल, चिंकारा, सांभर और जंगली सूअर पर्याप्त मात्रा में हैं.

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