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सुडान में फंसे भारतीयों को सकुशल वापस लाने में भारत को मिला अरब और यूएई का साथ

भारत से आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बेचने, सुडान गए, दर्जनों भारतीयों की जान खतरे में है। वहां चल रहे गृह युद्ध में भारत के दर्जनों नागरिक फंसे हुए हैं। सरकार की तरफ से उन्हें सकुशल निकालने की कोशिश जारी है।

सूडान में पिछले 6 दिनों से सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच संघर्ष जारी है। यह कब तक थमेगा, इसकी अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इस संघर्ष को खत्म करने की कोई गारंटी भी नहीं दे सकता है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से सूडान के इस युद्ध में फंसे भारत के नागरिकों की जान खतरे में है। हालांकि सऊदी अरब और यूनाइटेड अरब अमीरात ने आश्वासन दिया है कि सुडान से भारतीय नागरिकों को सकुशल निकालने में वह भारत की पूरी मदद करेंगे।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने भी इस संबंध में बात की है। एक तरफ सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर देश की सरकार चिंतित है दूसरी तरफ अब इस मामले को ले कर राजनीति भी होने लगी है। कर्नाटक के कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया ने केंद्र की सरकार पर गंभीर ना होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक के 31 लोग वहां फंसे हैं। यहां बता दें कि सूडान में नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की मांग को लेकर 2001 से ही संघर्ष चल रहा है।

सूडान का मुख्य विवाद सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ़ के  विलय को लेकर है। अक्टूबर 2021 में नागरिकों और सेना के संयुक्त सरकार के तख्तापलट के बाद से ही सेना और अर्ध सैनिक बल आमने-सामने हैं। यानी वहां, लड़ाई मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच है। यहां की सेना का साथ मिस्र देता है जबकि पैरामिलिट्री फोर्स के साथ अरब और संयुक्त अरब अमीरात रहता है। सूडान में ना तो मिलिट्री पीछे हटने को तैयार है और ना ही पैरामिलिट्री।

यह लड़ाई भले ही देश के रणनीतिक इलाकों के आसपास होने की बात की जा रही हो, लेकिन मुख्य रूप से यह लड़ाई शहरी क्षेत्रों तक ही सिमटी है। ऐसे में शहरी क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर इसमें अनजाने में फंस गए हैं। ऐसा नहीं कि यहां सिर्फ भारत के ही मजदूर फंसे हैं। अन्य देशों के लोग भी यहां फंसे हुए है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 4000 भारतीय सूडान में रहते हैं।

देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और संयुक्त अरब अमीरात से बात की है। क्योंकि इन देशों का सूडान में अच्छा खासा प्रभाव है। उन देशों ने भारत को भरोसा दिलाया है कि जमीनी स्तर से वह भारत की मदद करेंगे। वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे। इधर देश के केंद्रीय विदेश मंत्री ने विपक्षी पार्टी के नेताओं से कहा है कि इस संबंध में राजनीति करना ठीक नहीं है।

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