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कांग्रेस ने भड़काऊ बयान देने के लिए अमित शाह के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

बेंगलुरू, कर्नाटक में कांग्रेस इकाई ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा नेताओं और सार्वजनिक रैलियों के आयोजकों को विभिन्न समुदायों के बीच भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी, नफरत और दुर्भावना को बढ़ावा देने के संबंध में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत बेंगलुरु में हाई ग्राउंड्स पुलिस के पास दर्ज की गई है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और एआईसीसी प्रवक्ता गौरव वल्लभ व्यक्तिगत रूप से पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने मांग की कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर हिंसा की घटनाएं होने की बात कहकर राज्य के मतदाताओं को धमकाने के लिए केंद्रीय मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।

शिकायत में उल्लेख किया गया है कि जानबूझकर झूठे बयान दिए गए हैं, मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने की धमकी दी गई है और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को बदनाम किया गया है।

पार्टी ने आईपीसी और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

बयान 25 अप्रैल को विजयपुरा और अन्य स्थानों पर सार्वजनिक रैलियों के दौरान दिए गए थे।

शिकायत में कहा गया है कि शाह ने अपने भाषण में निराधार और झूठा आरोप लगाकर कांग्रेस की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। इसका स्पष्ट उद्देश्य एकत्रित व्यक्तियों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य का माहौल बनाने की कोशिश करना था।

शिकायत में कहा गया है कि शाह ने जानबूझकर कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पूरे कर्नाटक राज्य में बनाए गए सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के इरादे से कई झूठे और सांप्रदायिक आरोप लगाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि यदि कांग्रेस आगामी चुनाव जीतती है, तो पूरा कर्नाटक राज्य सांप्रदायिक दंगों से पीड़ित हो जाएगा।

शिकायत में कहा गया कि अमित शाह का बयान किसी भी वर्ग या समुदाय के लोगों को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने के लिए तैयार किए गए हैं, और इस तरह आईपीसी की धारा 505 और आईपीसी के अन्य प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं।

बयान अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देते हैं और किसी विशेष राजनीतिक दल और उम्मीदवार को वोट देने के लिए मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास करते हैं।

सुरजेवाला ने कहा, इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि अमित शाह और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।

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