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जबरदस्त चक्रवाती तूफान में तब्दील होगा ‘मोचा’, जाने दिल्ली-यूपी समेत इन राज्‍यों के हाल ?

देश भर के अलग अलग इलाकों में बारिश (Rain) थमने के बाद एक बार फिर गर्मी (Heat) अपना प्रकोप दिखा रही है। उत्तर भारत (North India) के मैदानी इलाकों में मौसम गर्म रहने के आसार बने हुए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने बुधवार को अनुमान व्यक्ति कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी दो से तीन दिन में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है, लेकिन अभी एक और सप्ताह तक भीषण गर्मी एवं ‘लू’ चलने की संभावना नहीं है।

बात करें मैदानी इलाकों के बारे में तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज पारा 40 डिग्री पार जा सकता है और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री का अनुमान है। धूप खिली रहने के साथ लखनऊ में आसमान साफ रहेगा। दिल्ली-एनसीआर में भी मौसम की स्थिति वैसी ही रहेगी। नोएडा में अधिकतम 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री तापमान दर्ज किया जा सकता है।

तबाही मचाएगा मोचा?
भारतीय मौसम विज्ञान ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के शुक्रवार तक जबरदस्त चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार जताए हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इस दबाव क्षेत्र के आज शाम तक चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार हैं। बयान में बताया गया कि खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र कुछ समय के लिए उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने तथा धीरे-धीरे गुरुवार की सुबह तक और गहराने तथा शुक्रवार 12 मई तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलकर दक्षिण पूर्व और बंगाल की खाड़ी मध्यवर्ती इलाके में पहुंचने का अनुमान है।

एजेंसी ने कहा, खाड़ी के ऊपर बन रहा दबाव धीरे-धीरे उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के आसार हैं और यह चक्रवातीय तूफान 13 मई से थोड़ा कमजोर होने के साथ-साथ 14 मई को दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार को पार करने के अनुमान हैं। मौसम विभाग ने इस दौरान अधिकतम हवा की गति 110-120 किमी प्रति से 130 किमी प्रति घंटा रहने की चेतावनी दी है।

विभाग ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव के कारण अगले दो दिनों तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा अंडमान सागर में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के आसार हैं। इस दौरान, मछुआरों और छोटे जहाजों, नावों और ट्रॉलरों के संचालकों को दक्षिण-पूर्व और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

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