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35 राज्य, 28 हजार लोग और 100 करोड़ की धोखाधड़ी, ठग ऐसे फंसाते थे जाल में, हो गया बड़ा खुलासा

चंडीगढ़. हरियाणा पुलिस ने हाल ही में नूंह जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ समन्वित छापेमारी करके देश भर में 100 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक (नूंह) वरुण सिंगला ने कहा कि ये जालसाज हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप समूह समेत देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को निशाना बना चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी से देश भर में साइबर धोखाधड़ी के करीब 28,000 मामलों का पता चला है.

सिंगला ने बताया कि 27-28 अप्रैल की दरमियानी रात को 5,000 पुलिसकर्मियों के 102 दलों ने एक साथ जिले के 14 गांवों में छापेमारी की और लगभग 125 संदिग्ध हैकरों को हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 66 आरोपियों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सभी आरोपियों को संबंधित अदालतों में पेश कर सात से 11 दिन के रिमांड पर लिया गया है.

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान 166 फर्जी आधार कार्ड, पांच पैन कार्ड, 128 एटीएम कार्ड, 66 मोबाइल फोन, 99 सिम कार्ड, पांच पीओएस मशीन और तीन लैपटॉप बरामद किए गए. सिंगला ने कहा, ‘विश्लेषण के दौरान पता चला कि साइबर अपराधियों ने अब तक देश भर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 28,000 लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.’

साइबर धोखाधड़ी के लिए 219 बैंक खातों और 140 यूपीआई खातों का इस्तेमाल
देशभर में इन साइबर जालसाजों के खिलाफ लगभग 1,346 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. इन साइबर अपराधियों की संलिप्तता तय करने के लिए इनका विवरण इन राज्यों के संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा जा रहा है. जांच में यह भी पता चला कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लगभग 219 खातों और 140 यूपीआई खातों का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी करने के लिए किया जा रहा था. इन बैंक खातों को मुख्य रूप से ऑनलाइन सक्रिय पाया गया और वह भी निर्दोष लोगों को नौकरी देने के नाम पर धोखा देकर और फिर आधार कार्ड, पैनकार्ड, मोबाइल नंबर जैसी उनकी साख लेकर ऑनलाइन केवाईसी करवाकर सक्रिय पाया गया. जांच के दौरान, नकली सिम और बैंक खातों का स्रोत मुख्य रूप से राजस्थान के भरतपुर जिले से जुड़ा हुआ है.

13 राज्यों के टेलीकॉम सर्किल के 347 सिम कार्ड सक्रिय किए गए
इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों के हरियाणा, पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सर्किल के 347 सिम कार्ड भी सक्रिय किए गए, जिनका इस्तेमाल ये अपराधी साइबर क्राइम के लिए कर रहे थे. पुलिस ने कहा, ‘नूंह जिले में दर्ज सोलह मामले, पकड़े गए साइबर अपराधियों के सह-अभियुक्तों के रूप में काम करने वाले 250 वांछित साइबर अपराधियों की भी पहचान की गई है, जिनमें से 20 राजस्थान के हैं, 19 उत्तर प्रदेश के हैं और 211 हरियाणा के हैं. साइबर अपराधी, जो 18-35 आयु वर्ग में हैं, ने खुलासा किया है कि वे आम तौर पर 3-4 लोगों के समूह में काम करते थे.’

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