ज्योतिष

Holi 2024 : होलिका दहन में भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!

रंगों और मस्ती से भरा त्योहार होली बस आने ही वाला है. होली आपसी प्रेम को बढ़ाने और खुशियां बांटने का त्योहार है जो पूरी दुनिया में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. होली के इस पावन पर्व पर आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस बार होली पर पूजा कैसे करें, होली कैसे खेलनी चाहिए, होलिका दहन में क्या कार्य बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए.और मनोकामना पूर्ति के लिए क्या उपाय करने चाहिए.

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है जो कि 24 मार्च को मनाया जाएगा और इसके अगले दिन 25 मार्च को रंगों वाली होली मनाई जाती है. रंगों वाली होली देश भर में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाई जाती है. यह होली की लोकप्रियता ही है कि विदेशों में भी रंगो वाली होली की धूम है. आपकी इस बार की होली को ज्यादा हर्ष, उल्लास और आनंद से भरी हुई बनाने के लिए टीवी9 डिजिटल ने बात की ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के साथ. आइए जानते हैं.

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते हैं कि इस दिन शाम के समय, पहले से बनाई हुई होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश रखें और पंच देवताओं की पूजा करें. अन्त में होलिका का भी पूजन करके होलिका दहन करें. होलिका दहन के दूसरे दिन प्रातःकाल स्नान के बाद हनुमान जी व भैरव जी की पूजा करें. उनको रोली, मोली, चावल, पुष्प, गुलाल, चन्दन और नारियल आदि अर्पित करें और आरती कर उनको प्रणाम करें और साथ ही किसी भी तरह की भूल चूक के लिए क्षमा मांगे.

इस तरह से मनाएं रंगों की होली

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि रंगो वाली होली के दिन अपने से बड़े व छोटे सबको अबीर, गुलाल लगाकर प्रणाम करना चाहिए. इस दिन प्रेम भाव से एक दूसरे के गले मिलने और मिठाई बांटने की परम्परा के साथ ही एक दूसरे को रंग में रंगने का भी विधान है, जो कि प्रेम, सौहार्द व आत्मीयता का प्रतीक माना जाता है.

होली पर सभी समस्याओं को दूर करने के लिए उपाय

पं.राकेश पाण्डेय बताते हैं कि यदि आपको समस्याओं ने घेर रखा है तो होली के दिन गाय के गोबर में जौ,अरसी और कुश मिलाकर छोटा उपला बना कर सुखा लें. अच्छी तरह से सूखने के बाद इसे घर के मेन गेट पर लटका दें. ऐसा करने से घर में रहने वाले सभी सदस्यों की समस्याएं दूर हो जाती हैं.

मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार, होली के दिन श्रद्धा पूर्वक विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन का सम्पूर्ण सुख मिलता है.

होलिका दहन में न जलाएं हरे भरे वृक्ष

होलिका दहन में हरे भरे पेड़ को तोड़कर बिल्कुल भी न जलाएँ. हरे वृक्ष को तोड़ना या जलाना धर्म शास्त्रों में भी निषेध माना जाता है. हरा वृक्ष जलाने से पर्यावरण दूषित होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरे वृक्ष पर बुध ग्रह का स्वामित्व होता है. इसलिए हरा भरा वृक्ष जलाने से व्यक्ति को रोग व शोक दोनों तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसलिए हरे वृक्ष की रक्षा करनी चाहिए इसको होलिका दहन में नहीं जलाना चाहिए. होलिका दहन में गोबर के सूखे उपले या कंडे और सुखी लकड़ी या आदि ही जलाने चाहिए.

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