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महिला से छेड़छाड़ करने पर एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा, जुर्माना भी लगाया

जबलपुर। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ज्योति सिंह टेकाम के न्यायालय ने छेड़छाड़ के आरोपित पनागर निवासी भारत दाहिया का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुना दी। साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रानी जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि महिला मजदूरी करती है। 11 दिसंबर, 2011 की रात आठ बजे घर से निकलकर छतरपुर पुलिस के पास गई थी। इसी दौरान एक व्यक्ति दिखा। कुछ देर बाद उसने बुरी नीयत से पकड़कर छेड़छाड़ की। वह जोर से चिल्लाई। लिहाजा, आरोपित भाग गया। पति घर पर नहीं था, इसलिए इस बारे में महिला ने किसी को नहीं बताया। जब पति आया तो उसे पूरी बात बताई, जिसके बाद थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। न्यायालय ने दोष सिद्ध पाकर सजा सुना दी।

जबलपुर। हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग से पूछा है कि अशासकीय अनुदान प्राप्त शाला शिक्षकों को समयमान वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस सिलसिले में न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर और अंजुमन इस्लामिया स्कूल के प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

 

याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका अख्तरी बेगम की ओर से अधिवक्ता रोहिणी प्रसाद तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी प्रदेश के शासकीय स्कूल के शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा के उपरांत समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाता है। नियमानुसार यह लाभ अशासकीय अनुदान प्राप्त शाला शिक्षकों को भी दिया जाना चाहिए। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभ्यावेदन प्रस्तुत किए, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

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