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धार्मिक स्थलों में बुल्डोजर चलने से पहले केंट बोर्ड में हंगामा, प्रशासन ने 3 जनवरी की शाम तक की थी मोहलत
,जबलपुर। 2 जनवरी को केंट के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों को हटाए जाने के पहले बोर्ड कार्यालय में गहमागहमी का माहौल निर्मित हो गया। दरअसल जिला प्रशासन ने आज 2 जनवरी की तिथि कार्रवाई के लिए तय की थी। जिसके चलते आज सुबह से केंट बोर्ड कार्यालय में हलचल नजर आने लगी थी। जेसीबी मशीनों से लेकर मैन पॉवर एकत्रित होने लगा था। इसी बीच कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस अभिषेक चौकसे,अमरचंद बावरिया,राहुल रजक और भाजपा के सुंदर अग्रवाल सहित अन्य हिंदूवादी नेता केंट बोर्ड कार्यालय पहुंच गए।
बोर्ड कार्यालय के मेनगेट पर एकत्रित नेताओं में से 10 लोगो के एक प्रतिनिधि मंडल को जिला प्रशासन व केंट बोर्ड के अधिकारियों ने चर्चा के लिए बुलाया। बैठक में कार्रवाई का विरोध कर रहे लोगो का कहना था कि जिन धार्मिक स्थलों को हटाया जाना है उनसे यातायात प्रभावित नहीं होता है। लिहाजा क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए उक्त तीनों धार्मिक स्थलों का प्रबंधन केंट बोर्ड अपने हाथों लेते हुए भवनों को न तोड़ा जाए।
लेकिन लंबे मंथन के बाद जिला प्रशासन और बोर्ड अधिकारियों ने साफ कर दिया कि एमपी हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई प्रस्तावित है, इसलिए मंदिर समितियां कोर्ट जाएं। यदि कोर्ट इस दिशा में कोई निर्देश देता है तो उस पर कार्रवाई होगी। हालांकी अधिकारियों ने यह भी साफ कर दिया कि कल मतलब 3 जनवरी की शाम तक ही समय है मंदिर समितियों के पास। वरना 4 जनवरी को कार्रवाई होना तय है।
उल्लेखनीय है कि एमपी हाईकोर्ट ने शासकीय भूमि पर बनाए गए व यातायात में बाधक धार्मिक स्थालों को हटाने का आदेश दिया था। इस मामले में याचिकाकर्त्ता ने न्यायालय को बताया था कि 2014 से अवमानना याचिका लंबित होने के बाद भी अभी तक कई धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया है। जिसके बाद एमपी हाईकोर्ट ने तत्काल बचे हुए धार्मिक स्थल हटाने के निर्देश दिए है। एमपी हाईकोर्ट को पूर्व में शासकीय भूमि पर बने धार्मिक स्थलों की जो सूची केंट बोर्ड द्वारा प्रस्तुत की गई थी। एमपी हाईकोर्ट में केंट बोर्ड द्वारा जो धार्मिक स्थलों की सूची दी गई है उसमें पहलवान बाबा चौक स्थित हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर सदर एवं बाबादीन चौराहे स्थित हनुमान मंदिर को हटाया जाना है।