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सफाई के बदले इन्फेक्शन फैला सकते हैं रूमाल, सम्भलकर करें इस्तेमाल

गर्मी का मौसम आ रहा है; पसीने छूटने वाली कहावत रोज सच होगी, जिसे लोग अपने रूमाल से पोंछ उसे जेब में रखेंगे और फिर लंच या डिनर के दौरान हाथ धोने के बाद के बाद उसी रूमाल से हाथ और फिर मुंह भी पोंछेंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि इन गीले रूमाल में करोड़ों बैक्टीरिया और वायरस चिपके होते हैं। जो पूरी बॉडी में फैलकर बीमारी और कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को बढ़ावा दे सकते हैं।

महिलाओं के पारंपरिक कपड़ों में जेब नहीं होती। ऐसे में कई बार देखा जाता है कि वे अपना हैंकी पर्स में रखती हैं। मां बनी महिलाएं इसी पर्स में बच्चे का दूध और दूसरी चीजें भी रखती हैं। ये आदत बच्चे की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।

ऐसे में रूमाल के सही इस्तेमाल और साफ रखने की तरकीबों को जान लेना जरूरी हो जाता है। रूमाल का साफ होना सेहत के लिए काफी जरूरी है। गंदे रूमाल कई तरह के इन्फेक्शन के कारण बन सकते हैं।

जेब में रूमाल लेकर चलने का सबसे बड़ा मकसद होता है- साफ-सफाई। लेकिन साफ-सफाई के लिए रखा गया रूमाल इन्फेक्शन का भी कारण बन सकता है। रूमाल में जमे वायरस और बैक्टीरिया से डायरिया और डर्मेटाइटसि जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

दरअसल, रूमाल में खांसने या छींकने से उसमें वायरस और बैक्टीरिया चले आते हैं। बार-बार हाथ-मुंह पोंछने के चलते रूमाल गीले हो जाते हैं। गीला और नमी वाला रूमाल इन वायरस और बैक्टीरिया के पनपने के लिए मुफीद स्थिति मुहैया कराता है। जिसके चलते रूमाल में बीमार करने वाले खतरनाक सूक्ष्मजीव तेजी से अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं। ऐसे में जब दोबारा उसी रूमाल का इस्तेमाल किया जाता है तो ये वायरस और बैक्टीरिया मुंह और स्किन में फैल जाते हैं। पेट के भीतर जाने के बाद डायरिया और स्किन पर फैलने से फंगल इन्फेक्शन और डर्मेटाइटसि जैसे चर्म रोग फैलाते हैं।

फंगस चेहरे पर लाएंगे फुंसी और सफेद दाग
गीले और गंदे रूमाल में पनपी फंगस चेहरे के लिए काफी खतरनाक साबित होती हैं। इस बारे में त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि जब गीले और गंदे रूमाल से मुंह पोंछते हैं तो ये फंगस चेहरे पर फैल जाती है। गर्मी के दिनों में फंगल इन्फेक्शन के चलते चेहरे पर सफेद चित्तीदार दाग, रैशेज और फुंसी निकल आते हैं। कई लोगों में जलन और पिंपल्स की भी समस्या देखी जाती है।

गंदे रूमाल से आंख साफ करने से यह आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। रूमाल के बैक्टीरिया और वायरस आंखों में जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं।

गीला रूमाल बैक्टीरिया का घर
लोगों में यह आदत देखी जाती है कि वो इस्तेमाल के बाद गीले रूमाल को सीधे जेब में रख लेते हैं। ऐसी स्थिति बैक्टीरिया और वायरस के लिए मुफीद हो जाती है। ऐसे में गीले रूमाल को सीधे जेब में रखने की जगह कहीं टांगकर रखा जा सकता है। यदि ऑफिस या सफर में हों तो कोशिश करें कि गीला रुमाल जेब में न जाए, कुछ देर सूखने के बाद ही दोबारा इस्तेमाल हो। रूमाल को धोने के बाद तेज धूप में सुखाने से उसमें मौजूद कीटाणु मर जाते हैं।

रूमाल गंदा है तो हैंडवॉश का फायदा नहीं
कई लोग खाने से पहले हाथ तो साबुन या हैंडवॉश से अच्छे से धो लेते हैं; फिर उसे सुखाने के लिए दिन भर का यूज किया हुआ रूमाल इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में हैंडवॉश किया हुआ हाथ पहले से भी ज्यादा गंदा हो जाता है। रूमाल के सारे वायरस-बैक्टीरिया हाथ से चिपक जाते हैं और खाने के साथ पेट में चले जाते हैं; जो डायरिया की वजह बन सकता है।

रोज बदलें रूमाल, बाकी कपड़ों से अलग धोएं
भले ही दिन में एक बार ही इस्तेमाल किया जाए, पर रूमाल को रोज धोना जरूरी है। इस्तेमाल किए गए रूमाल को दूसरे कपड़ों के साथ नहीं धोना चाहिए, ऐसा करने से रूमाल में मौजूद सूक्ष्मजीव दूसरे कपड़ों में फैल जाते हैं। ऐसे में रूमाल को अलग से धोना बेहतर है। धोने के बाद इसे कड़ी धूप में सूखने के लिए डाल सकते हैं। जिससे यह पूरी तरह से डिसइन्फेक्टेड हो जाए।

मोबाइल स्क्रीन, इसे रूमाल से न पोंछें
एक शोध के मुताबिक मोबाइल स्क्रीन पर टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। कई लोगों में आदत देखी जाती है कि वो मोबाइल को रूमाल से साफ करते हैं और फिर उसी रूमाल का इस्तेमाल हाथ-मुंह पोंछने के लिए भी करते हैं। ऐसा करना भी सेहत से खिलवाड़ हो सकता है।

टिश्यू या गमछे से हाथ पोंछे
बार-बार गीले होते हाथ को पोंछने के लिए गमछा या कोई बड़ा कॉटेन कपड़ा रखा जा सकता है। दफ्तर या यात्रा के दौरान टिश्यू का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि बार-बार इस्तेमाल होने से रूमाल गीला हो जाता है। सर्दी-जुकाम की स्थिति में खांसने-छींकने और हाथ-मुंह पोंछने के लिए अलग-अलग रूमाल रख सकते हैं।

आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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