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R Ashwin: रोहित के लिए जान भी दे दूंगा, मां की बीमारी में कप्तान ने कराया चार्टर्ड प्लेन, अश्विन बोले- मतलबी दुनिया में ऐसा….

नई दिल्ली। भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की दिलकर खोलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि रोहित जैसे कप्तान के लिए मैं मैदान पर जान भी दे सकता हूं। दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट के दौरान मां के बीमार होने की वजह से अश्विन को टेस्ट बीच में ही छोड़कर घर लौटना पड़ा था। कप्तान रोहित ने अश्विन के लिए चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम कराया और टीम का फीजियो भी उनके साथ भेजा था। रोहित की इस सोच ने अश्विन का दिल जीत लिया। हालांकि, अश्विन इस टेस्ट के चौथे दिन लौट आए थे और उन्होंने दूसरी पारी में 1 विकेट भी लिया था और भारत ने 434 रन से बड़ी जीत दर्ज की थी।

आर अश्विन ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर पोस्ट किए वीडियो में अपने 500 टेस्ट विकेट और अपनी मां की बीमारी के लिए टेस्ट छोड़ने का किस्सा साझा किया है। उन्होंने बताया कि 500 विकेट की खुशी एक ही पल में काफूर हो गई थी।

तक पहुंचने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन राजकोट में दूसरे दिन, मुझे आखिरकार जैक क्राउली का विकेट मिल गया। यह शानदार गेंद नहीं थी। लेकिन मुझे 500वां विकेट मिल गया। खेल खत्म होने के बाद, मैं इंटरव्यू देने के  देने के लिए सहमत हो गया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में चला गया। मैंने अभी-अभी अपना 500वां विकेट हासिल किया था, इसलिए अपनी पत्नी या पिता के फोन की उम्मीद कर रहा था। लेकिन उनका फोन नहीं आया तो हैरान था।

500वें विकेट के बाद घर से फोन नहीं आया तो टेंशन में था: अश्विन
अश्विन ने आगे बताया, “मुझे घर से किसी का भी कॉल नहीं आया। मुझे लगा शायद वे इंटरव्यू देने में व्यस्त होंगे। मैंने प्रीति (पत्नी) को करीब 7 बजे फोन किया। उन्होंने कहा कि मां सिरदर्द के कारण जमीन पर गिर गईं हैं। अश्विन ने खुलासा किया है कि पत्नी प्रीति ने रोहित शर्मा से बात की थी क्योंकि मैं उस समय उपलब्ध नहीं था। मैं एकदम सुन्न हो गया था। मुझे याद नहीं मैंने क्या किया, मैं शायद रोने लगा था। मुझे पता ही नहीं चला कि मैं पत्नी से क्या पूछूं। मैं नहगीं चाहता था कि कोई मुझे रोते हुए देखा। मैं अकेले कमरे में बैठ गया था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं।

‘रोहित ने मेरे लिए चार्टर्ड फ्लाइट अरेंज करवाई’
इस ऑफ स्पिनर ने आगे बताया, “मुझे लगता है कि चूंकि मैं अपने फोन का जवाब नहीं दे रहा था, इसलिए मेरी पत्नी ने रोहित और द्रविड़ को यह खबर बताने के लिए फोन किया होगा। मैं फ्लाइट ढूंढने लगा, लेकिन मुझे मिली नहीं। तब रोहित ने कहा कि अभी यहां से निकलो। मै चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम करता हूं। चेतेश्वर पुजारा का भी धन्यवाद, जिन्होंने किसी तरह अहमदाबाद से चार्टर्ड फ्लाइट अरेंज करवाई। मुझे नहीं पता कि वो 2 घंटे कैसे निकले थे। रोहित ने टीम के फिजियो कमलेश को भी मेरे साथ भेज दिया। मैंने कमलेश को टीम के साथ ही रुकने के लिए कहा। लेकिन रोहित ने उनसे कहा कि अश्विन के साथ रहना और उनका ध्यान रखना।”

‘रोहित के लिए तो मैं जान भी दे दूंगा’
अश्विन ने कहा, “अगर मैं कप्तान होता और मेरे किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा होता तो मैं भी उसे फौरन घर जाने के लिए ही कहता। लेकिन खिलाड़ी के बारे में लगातार फोन लगाकर पूछना और टीम के एक सदस्य को साथ भेजना ये यकीन से परे है। रोहित एक बेहतरीन लीडर हैं। मैं कप्तानों के साथ खेला हूं। लेकिन, रोहित की बात बिल्कुल अलग है। उनका दिल साफ है, इसी वजह से वो धोनी की तरह पांच आईपीएल खिताब जीते हैं। मैं बस यही चाहता हूं कि रोहित अपने जीवन में और बहुत कुछ हासिल करें। दूसरे खिलाड़ी की परेशानी को समझना और उसका ध्यान रखना, इस खुदगर्ज दुनिया में ऐसा शख्स मिलना मुश्किल है। वो ऐसे कप्तान हैं कि उनके लिए मैं मैदान पर जान भी दे सकता हूं।”

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