अगर आप भी लेते हैं खर्राटें तो हल्के में लेने की गलती न करें, रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे
कैंसर का खतरा
रिसर्च में पता चला है कि सोते वक्त खरार्ट लेने वाले लोगों को कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। दरअसल, नींद के दौरान हवा या वायुमार्ग में रुकावट के कारण खर्राटे आते हैं। यह एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) कहा जाता है। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द ऐडवांसमेंट ऑफ साइंस (AAAS) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि स्लीप डिसऑर्डर वाले लोगों की नसों में रक्त के थक्कों का खतरा अधिक होता है, जो जीवन के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण शरीर में ऐसी परिस्थितयां उत्पन्न हो जाती हैं जो ट्यूमर के विकास और प्रसार को सपोर्ट करती हैं।
स्ट्रोक का खतरा
एनसीबीआई के अनुसार, खर्राटों से स्ट्रोक का खतरा 46 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में खर्राटे लेना एक बुरी आदत से कहीं अधिक है। वेबमेड के अनुसार, यह अर्टरी डैमेज होने का संकेत भी हो सकता है, जबकि जो लोग खर्राटे लेते हैं या सांस लेने में अन्य समस्याएं होती हैं, उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक होता है। साथ ही, आप जितने छोटे हैं, जोखिम उतना ही अधिक है। इसलिए अगर आपको खर्राटे लेने की आदत है तो इसका तुरंत इलाज कराएं।
खर्राटों के कारण
लोगों के मन में यह प्रश्न भी आता है कि आखिर खर्राटे लेने के पीछे क्या कारण होते हैं। तो यह समस्या कैसे शुरू होती है। ऐसी कौन सी बातें हैं जो इस समस्या की जड़ मानी जाती हैं? आइए इस पर भी एक नजर डालते हैं।
मोटापा
सर्दी
एलर्जी
सोने से पहले शराब पीना
टॉन्सिल
एडेनोइड्स का इज़ाफ़ा
सोने की स्थिति
नाक से संबंधित परेशानी
पर्याप्त नींद न लेने जैसे कारणों से खर्राटे आ सकते हैं।